तुम और सागर : गौतम कश्यप =========================== अगर है तुम्हारे अन्दर ठसक या कठोरता तो सागर होगा ठरल और मुस्कुरायेगा मंद - मंद दुर्भावनापूर्ण... अगर है आँखों में गहराई तो सागर होगा शांत, निश्छल उड़ेलेगा अपनी भावनाएं अनंत लहर, मधुर स्वर के सहारे अगर है तुम्हारे अंदर घृणा तो दूर कर देगा तुम्हें वैसे ही, जैसे फेंकता है बलबलाती फेन को अपने से दूर, किनारे अगर हो एकाकी, तो अन्दर से देगा सहारा. नाव की भांति प्रेरित करेगा आगे बढ़ने को बीच झंझावातों से. अगर है समर्पण तो तपाकर, बनाएगा तुम्हें बादल और भेजेगा दूर विशाल नभ में जहाँ से बरसकर तुम रच सको धरती पर खुशियाँ
Gautam Kashyap – Professional Translator (Hindi, English, Russian, Sanskrit) Гаутам Кашяп – Профессиональный переводчик (хинди, английский, русский, санскрит)