मेरी आत्मा, रुक जाओ, मत मरो : गौतम कश्यप
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Gautam Kashyap @ Palika Stadium, Kanpur |
मेरी आत्मा, रुक जाओ, मत मरो
तुमने अच्छे से सीखा है पीड़ित होना,
थोड़ा धैर्य रखो,
अभी ढेरों काम हैं बचे, मिलजुल निपटाने को
मेरी आत्मा, रुक जाओ, मत मरो
अभी ढेरों काम हैं बचे, मिलजुल निपटाने को
मेरी आत्मा, रुक जाओ, मत मरो
खालीपन है कहाँ? बहस मत करो,
करता हूँ कोशिश, कि चोट न पहुंचे तुम्हें
झूठ सुन मत घबड़ाओ,
कहने वालों की मंशा पहचानो
मेरी आत्मा, रुक जाओ, मत मरो
करता हूँ कोशिश, कि चोट न पहुंचे तुम्हें
झूठ सुन मत घबड़ाओ,
कहने वालों की मंशा पहचानो
मेरी आत्मा, रुक जाओ, मत मरो
तुम्हारी कसम, जो मुझे न सुनो
ज़रा मुझे सांस तो लेने दो
ताकि मिटा सकूँ, तुम्हारे भीतर पड़े संदेह को
मेरी आत्मा, मुझे ज़रा महसूसो तो
मेरी आत्मा, रुक जाओ, मत मरो
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गौतम कश्यप
ज़रा मुझे सांस तो लेने दो
ताकि मिटा सकूँ, तुम्हारे भीतर पड़े संदेह को
मेरी आत्मा, मुझे ज़रा महसूसो तो
मेरी आत्मा, रुक जाओ, मत मरो
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गौतम कश्यप
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