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तुम और सागर : गौतम कश्यप

तुम और सागर : गौतम कश्यप
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अगर है तुम्हारे अन्दर ठसक
या कठोरता
तो सागर होगा ठरल
और मुस्कुरायेगा
मंद - मंद
दुर्भावनापूर्ण...

अगर है आँखों में गहराई
तो सागर होगा शांत,
निश्छल
उड़ेलेगा अपनी भावनाएं
अनंत लहर,
मधुर स्वर के सहारे

अगर है तुम्हारे अंदर घृणा
तो दूर कर देगा तुम्हें
वैसे ही, जैसे फेंकता है
बलबलाती फेन को
अपने से दूर,
किनारे

अगर हो एकाकी,
तो अन्दर से देगा सहारा.
नाव की भांति
प्रेरित करेगा
आगे बढ़ने को
बीच झंझावातों से.

अगर है समर्पण
तो तपाकर, बनाएगा तुम्हें बादल
और भेजेगा दूर
विशाल नभ में
जहाँ से बरसकर
तुम रच सको  धरती पर खुशियाँ

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मोकामा के गौतम कश्यप ने रूसी कविता संग्रह का किया हिंदी में अनुवाद, विमोचन नौ को

दैनिक भास्कर/पटना/अक्टूबर 1, 2018 मोकामा के गौतम कश्यप ने रूसी कविता संग्रह का किया हिंदी में अनुवाद, विमोचन नौ को  सीमित संसाधनों के बीच बिहार से निकली सैकड़ों प्रतिभाएं हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन करती हैं। बिहार के मोकामा के रहने वाले गौतम कश्यप अपनी उत्कृष्ट अनुवाद विधा से भारत और रूस के बीच साहित्य सेतु बनाने का काम कर रहे हैं। गौतम द्वारा रूसी भाषा से हिंदी में अनुदित कविता संग्रह आनंद का उजियारा का विमोचन 9 अक्टूबर, 2018 को हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में होने जा रहा है। उन्होंने निकलाय रेरिख को समर्पित कविता संग्रह का हिंदी में अनुवाद किया है। कविता संग्रह में ओल्गा स्लेपोवा द्वारा रचित कविताएं शामिल हैं। रूसी-हिंदी अनुवादक के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान बना चुके गौतम कश्यप का मानना है कि साहित्य के जरिए ही दुनिया को सेतुबंध किया जा सकता है। हर देश और भाषा में उत्कृष्ट साहित्य मौजूद है लेकिन एक-दूसरे की भाषा को न समझ पाने के कारण दुनिया उससे अनभिज्ञ रह जाती है। भारत में अनुवाद एक महत्वपूर्ण रोजगारमूलक क्षेत्र है, इसलिए वे नई पीढ़ी को विदेशी भाषाओ...