बीमार बच्ची
गौतम कश्यप
पीठ है टिकी
और ढुलका है सिर
व्हीलचेयर पर बैठी बच्ची
अचानक से मुस्कुराती है
'आलिक'”को बुलाती है
“आआलीईईइक”
कि आ जाती है माँ, पीछे से,
रुमाल से आंसू पोछते
और पोछ देती है
उसी रूमाल से
बच्ची के मुंह पर फैले लार.
दोनों का चेहरा खिल उठता है
और नन्ही सी उँगलियों को
थाम लेती है माँ.
विभिन्न आकार के मुंह बनाती
चारो तरफ सिर घुमाती
बढ़े जा रही है
माँ व्हीलचेयर को ठेल रही है
क्षण भर दर्द को भूल
बच्ची कुछ गुनगुनाती है
यो यो याकु याकी
ऎसी आवाजें निकालती है,
जो वही समझ पाती है.
अचानक उसकी बोली घरघराती है
शांत हो जाती है बच्ची
एकदम सुस्त ...
फिर बेचैन हो चीखती है
आँखों से आंसू ढुलक पड़ते हैं
रोने लगती है
मां भी रोने लगती है
और उसे गोद में उठा लेती है
उसके मुंह और नाक को पोछ
कलेजे से चिपका लेती है.
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गौतम कश्यप
मैक्स हॉस्पिटल से