हम लोहार (मी कुज्न्येत्सी) रचनाकार : फ़िलिप श्क्युलोव रूसी भाषा से अनुवाद और गीत का परिचयः गौतम कश्यप हम लोहार हैं , और हमारी आत्मा है जवान हम बनाते हैं खुशियों की चाबियाँ। ऊपर उठते हैं , हमारे मजबूत हथोड़े , और बजड़ते हैं , फौलादी सीने पर , ठक ठक ठक! हम कर रहे हैं स्थापित , एक उज्ज्वल पथ , और निर्मित कर रहे हैं एक स्वतंत्र पथ , सबके लिए , जो है लम्बे समय से इच्छित। मिलकर लड़ाइयाँ लड़ी हैं हमने , और हम साथ मरेंगे मरेंगे मरेंगे! हम लोहार हैं , अपनी प्रिय जन्मभूमि के हम केवल चाहते हैं , सबकुछ अच्छा , हम अपनी ऊर्जा व्यर्थ नष्ट नहीं कर रहे हैं , निरुद्देश्य नहीं चल रहे हमारे हथोड़े , ठक ठक ठक! और हथोड़े की हर चोट के बाद धुन्ध छँटेगी , अत्याचार का नाश होगा। और सारी पृथ्वी के क्षेत्रों के साथ एक दीन राष्ट्र , उठेगा , उठेगा , उठेगा! ‘ हम लोहार हैं ’ यह रूसी गीत उन दिनों बहुत प्रसिद्ध हुआ था जब सोवियत संघ में महान समाजवादी अक्टूबर क्रान्ति अपने चरम पर थी। 1912 ईस्वी में फ़िलिप श्क्युलोव ने इसकी रचना की थी। 14 वर्षीय किशोर फ़िलिप ए...
Gautam Kashyap – Professional Translator (Hindi, English, Russian, Sanskrit) Гаутам Кашяп – Профессиональный переводчик (хинди, английский, русский, санскрит)